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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :172
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2693
आईएसबीएन :0

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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन

प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।

अथवा
भोजन के पौष्टिक मूल्य को किस तरीके से बढ़ाया जा सकता है? किन्हीं दो तरीकों को विस्तारपूर्वक समझाइये।

उत्तर -

भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीकों का वर्णन निम्नलिखित है-

1- भोजन पदार्थों की मिश्रण विधि (Combination method) - जब एक से अधिक भोज्य पदार्थों को मिश्रित करके प्रयोग किया जाता है तो इसे मिश्रण विधि कहते हैं। इस विधि में खाद्य पदार्थों को मिश्रित करके बनाने से पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं। जैसे दालों को अन्य तृणधान्यों के साथ उपयोग करने से उसकी पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं दाल में पालक, लौकी, टमाटर, प्याज, धनिया आदि डालकर बनाने से दाल की पौष्टिकता बढ़ जाती है इससे प्रोटीन के साथ-साथ आयरन, कैल्शियम, विटामिन्स, तथा अन्य खनिज लवण बढ जाते हैं।

गेहूँ के साथ चना, रागी, सोयाबीन, जौ आदि मिश्रित करके आटा बनाने से आटे की पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं और ऐसा आटा पौष्टिकता से भरपूर होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी होता है।

गेहूँ के दलिया को दूध में बनाकर, सब्जियों के साथ नमकीन दलिया बनाकर पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं। चावल से खिचड़ी, पुलाव, खीर आदि बनाकर चावल की पौष्टिकता बढ़ा सकते हैं। मिश्रित पराठा जैसे प्याज का, आलू, मिश्रित सब्जी, पालक, पनीर, चीज, मैथी आदि का पराठा पौष्टिकता में वृद्धिं कर सकता हैं।

एक सब्जी के साथ अन्य सब्जियों को मिलाकर बनाने तथा सब्जी के साथ दाल का प्रयोग करने से पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं। मीट, मछली, अण्डे आदि को सब्जियों के साथ बनाने से इनसे बने व्यंजनों में प्रोटीन, खनिज लवण, विटामिन की मात्रा बढ़ जाती है।

दही में खीरा, टमाटर, प्याज, हरा धनियाँ आदि मिलाकर रायता बनाने से पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं।.

खाने के साथ सलाद का प्रयोग करके भी पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं।

2- अंकुरीकरण विधि द्वारा पौष्टिकता बढ़ाना - इस विधि में विभिन्न प्रकार के तृणधान्यों जैसे मूंग, सोयाबीन, चना, गेहूँ को अंकुरित पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं। अंकुरित अनाजों में विटामिन B कम्पलैक्स, आयरन, प्रोटीन तथा विटामिन C की मात्रा बढ़ जाती है। अंकुरित अनाज में नमक, नीबू का रस, प्याज, टमाटर, गाजर आदि मिलाकर खाने से इसकी पौष्टिकता और भी बढ़ जाती है। अंकुरित मूंग दाल को दही के रायता में प्रयोग कर पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं अंकुरित होने से ये पचने में आसान तथा पौष्टिक हो जाते हैं। कब्ज के रोगी के लिए ये बहुत फायदेमन्द होते हैं।

3- खमीरीकरण विधि द्वारा पौष्टिकता बढ़ाना - यदि शर्करा युक्त भोज्य पदार्थों को कुछ समय के लिए रख दिया जाता है तो उसमें खमीर उत्पन्न होने लगता है। खमीर उत्पन्न होने से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता में वृद्धि हो जाती है। खमीरीकरण के कारण नॉन प्रोटीन नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ जाती है। खमीरीकृत पदार्थों हल्के होने के कारण पचने में आसान होते है खमीरीकृत पदार्थों में विटामिन B कम्पलैक्स, विटामिन C में वृद्धि हो जाती हैं। नुकसान दायक तत्व जैसे फाटेट तथा टिप्सिन इन्हींवीटर की मात्रा घट जाती है तथा प्रोटीन, अमीनोंएसिड, लोहा की मात्रा बढ़ जाती हैं। खमीरीकृत पदार्थ जैसे ब्रेड, इडली, डोसा, ढोकला, नॉन, सोया सॉस, सिरका आदि है।

4- फोर्टिफिकेशन विधि द्वारा पोषक तत्वों की मात्रा में वृद्धि - इस विधि में तैयार सामग्री में ऊपर से पौष्टिक तत्व मिलाये जाते हैं जिससे उस सामग्री की पौष्टिकता में वृद्धि हो जाती है। जैसे- गेहूँ के पीसने के बाद पैक करने से पहले उसमें विटामिन व खनिज लवण का प्रीमिन्स मिलाया जाता हैं।

5- पारचिंग विधि - पारचिंग विधि में चावल, मक्का, चना, मटर आदि को तेज ऑच पर भूनकर उनकी पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं।

इन भूने हुए अनाज को मिक्स करके खाने से बहुत फायदे मंद होते हैं इनकी पौष्टिकता में और अधिक वृद्धि करने के लिए इसमें नमक, नीबू, प्याज मिलाया जा सकता है।

6- पकाने की उत्तम विधि का प्रयोग कर पौष्टिकता में वृद्धि - भोजन पकाने की मुख्यतः चार विधियों का प्रयोग किया जाता है। जैसे जल द्वारा, हवा द्वारा, वाष्प द्वारा, वसा द्वारा। इन सभी विधियों का प्रयोग भोजन की पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते हैं। जल द्वारा भोजन बनाते समय भोजन के साथ प्रयोग किए गये जल को फेंकना नहीं चाहिए क्योंकि भोजन में उपस्थित जल में घुलनशील विटामिन खनिज लवण जल में आ जाते है यदि इस जल को फेक दिया जाता है तो इसका ह्रास होता है।

भोज्य पदार्थ जैसे राजमा, चना उबालते समय सोडे का प्रयोग न करें इससे भोजन में उपस्थित पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। वे भोज्य पदार्थ जिन्हें छिलके सहित उबाल सकते हैं उन्हें छिलके सहित उबालना चाहिए ताकि इनके पौष्टिक तत्व पानी में न आ जायें। चावल का मांड नहीं निकालना चाहिए क्योंकि मांड निकालने से इसके सभी पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। प्रोटीन युक्त भोज्य पदार्थों को धीमी आंच पर पकाना चाहिए क्योंकि तेज आंच पर पकाने से भोजन में उपस्थित प्रोटीन कड़ी हो जाती है और भोज्य पदार्थ पक नहीं पाता जिससे इसका पोषक मूल्य घट जाता है।

खाद्य पदार्थों को ढक कर पकाना चाहिए जिससे पौष्टिक तत्व उड़ते नहीं है। खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता में वृद्धि करने के लिए प्रेशर कुकर में भोजन पकाना चाहिए प्रेशर कुकर में भोजन पकाने से कम समय में पौष्टिकता से भरपूर भोजन तैयार हो जाता है। पके भोजन को बार-बार गर्म नहीं करना चाहिए क्योंकि बार-बार गर्म करने से इनमें उपस्थित पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

हरी पत्तेदार सब्जियों को पहले धोकर ही काटना चाहिए। काटकर धोने से काफी पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। हरे पत्तेदार सब्जियों को लोहे की कढ़ाई में बनाने से भोज्य पदार्थ में आयरन की मात्रा बढ़ जाती है। बहुत देर तक भोजन को नहीं पकाना चाहिए इससे भोजन में उपस्थित पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं। सब्जियों को बहुत मोटा छिलका नहीं उतारना चाहिए और जिन सब्जियों का छिलका ज्यादा कड़ा न हो तो उसे छिलके सहित ही पकाना चाहिए इससे खाने की पौष्टिकता में वृद्धि होती है।

उपर्युक्त सभी विधियों को ध्यान में रखकर यदि भोजन बनाया जाता है तो खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता में वृद्धि कर सकते है और पौष्टिक भोजन उपयोग करके अपने स्वास्थ्य में भी वृद्धि कर सकते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
  2. प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
  4. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
  6. प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
  7. प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
  8. प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  9. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
  10. प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
  11. प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
  12. प्रश्न- भोजन क्या है?
  13. प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
  14. प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
  15. प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
  16. प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
  17. प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
  18. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
  19. प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
  20. प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
  21. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
  22. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
  23. प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
  24. प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
  25. प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
  26. प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  27. प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
  28. प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
  29. प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
  30. प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
  31. प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
  32. प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
  33. प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
  34. प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
  35. प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
  36. प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
  37. प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
  38. प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
  40. प्रश्न- विटामिन
  41. प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
  43. प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
  44. प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
  45. प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
  46. प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
  47. प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
  50. प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
  51. प्रश्न- सोडियम का भोजन में क्या महत्व है?
  52. प्रश्न- ताँबे का क्या कार्य है?
  53. प्रश्न- शरीर में फ्लोरीन की भूमिका लिखिए।
  54. प्रश्न- शरीर में मैंगनीज का महत्व बताइये।
  55. प्रश्न- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
  56. प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
  57. प्रश्न- भोजन में रेशेदार पदार्थों का क्या महत्व है? रेशेदार पदार्थों के स्रोत एवं प्रतिदिन की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
  58. प्रश्न- फाइबर की कमी शरीर पर क्या प्रभाव डालती है?
  59. प्रश्न- फाइबर की अधिकता से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
  60. प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा को तालिका द्वारा बताइए।
  61. प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
  62. प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
  63. प्रश्न-
  64. प्रश्न-
  65. प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
  66. प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  67. प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
  68. प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
  69. प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
  70. प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- अनुपूरक व विस्थापक पदार्थों से आपका क्या अभिप्राय है? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
  74. प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  75. प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
  76. प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
  77. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
  78. प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
  79. प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
  80. प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
  81. प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
  82. प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
  83. प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
  84. प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
  85. प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये। किशोरी का आहार आयोजन करते समय आप किन पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखेंगे?
  86. प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
  87. प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  89. प्रश्न- कैटरिंग की संकल्पना से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
  90. प्रश्न- भोजन करते समय शिष्टाचार सम्बन्धी किन बातों को ध्यान में रखा जाता है?
  91. प्रश्न- भोजन प्रबन्ध सेवा (Catering Service) के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए।
  92. प्रश्न- एक गृहिणी अपने घर में किस प्रकार सुन्दर मेज सजाकर रखती है? समझाइए।
  93. प्रश्न- 'भोजन परोसना भी एक कला है।' इस कथन को समझाइए।
  94. प्रश्न- केटरिंग सेवाओं की अवधारणा और सिद्धान्त समझाइये।
  95. प्रश्न- 'स्वयं सेवा' के लाभ तथा हानियाँ बताइए।
  96. प्रश्न- छोटे और बड़े समूह में परोसने की विधियों की तुलना कीजिये।
  97. प्रश्न- Menu से आप क्या समझते हैं? विभिन्न प्रकार के Menu को समझाइये।
  98. प्रश्न- बड़े समूह की भोजन व्यवस्था पर एक टिप्पणी लिखिए।
  99. प्रश्न- कैन्टीन का लेखा-जोखा कैसे रखा जाता है? समझाइए।
  100. प्रश्न- बड़े समूह को खाना परोसते समय आप कौन-कौन सी बातों का ध्यान रखेंगे तथा अपने संस्थान में एक लड़कियों के लिये कैंटीन की योजना कैसे बनाएंगे? विस्तारपूर्वक समझाइए।
  101. प्रश्न- खाद्य प्रतिष्ठान हेतु क्या योग्यताओं की आवश्यकता तथा प्रशिक्षण आवश्यक है? समझाइए।
  102. प्रश्न- बुफे शैली में भोजन किस प्रकार परोसा जाता है?
  103. प्रश्न- चक्रक मेन्यू क्या है?
  104. प्रश्न- 'पानी के जहाज (Ship) पर भोजन की व्यवस्था' इस विषय पर टिप्पणी करिये।
  105. प्रश्न- मेन्यू के सिद्धांत क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मेन्यू के बारे में लिखिये।

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